सोमवार, 24 जनवरी 2011

यह आम रास्ता नहीं है

कांग्रेस का हाथ,आम आदमी के साथ।कांग्रेसी सरकार भले ही ये तमाम दावे आम आदमी के हित में करे लेकिन उन दावों का क्रियान्वयन खास आदमी के लिए ही करती है।भारत की राजधानी दिल्ली में जहां कांग्रेस पिछले 10 वर्षों से अनवरत शासन कर रही है वहां भी उसका ध्यान आम आदमी की तरफ नहीं बल्कि खास आदमी की ही तरफ है।
कांग्रेस की इसी नीति का अनुसरण दिल्ली परिवहन निगम भी कर रहा है।दक्षिणी दिल्ली जिसे दिल्ली का दिल कहा जाता है,उसके भी कुछ इलाकों के साथ दिल्ली परिवहन निगम सौतेला व्यवहार कर रहा है।एक तरफ तो दक्षिणी दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन जैसे इलाकों के लिए दिल्ली परिवहन निगम दिल खोलकर मेहरबान है वहीं दूसरी ओर वसंतकुंज,किशनगढ़ और छतरपुर जैसे इलाकों के लिए उसके पास बसें हीं नहीं हैं।वसंतकुंज जाने वाली केवल एक बस 605 को छोड़ दिया जाए तो इस रुट पर और कोई दूसरी बस नहीं है।
                                                   
गौरतलब है कि वसंतकुंज और छतरपुर जैसे इलाके तो अमीरों की आरामगाह है लेकिन किशनगढ़ इन सबसे उपेक्षित आम आदमी के रहने की जगह है।इस इलाके की अधिकांश आबादी छात्रों की है।जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय,आई.आई.टी और भारतीय जनसंचार संस्थान से नजदीक होने के कारण बाहरी राज्यों से आए छात्र इस इलाके में रहना पसंद करते हैं।ऐसे में छात्रों को किशनगढ़ से इन संस्थानों में आना होता है तो उनके लिए आटो के अलावा परिवहन का कोई विकल्प नहीं होता है।आटो वाले भी छात्रों का और साथ ही उस इलाके में रहने वाले लोगों का जमकर आर्थिक शोषण करते हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़े दोषी दिल्ली परिवहन निगम के उच्च अधिकारी हैं।बार-बार अनुरोध करने और शिकायत करने के बावजूद भी उनके कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।अब तो बस यही कहा जा रहा है कि यह आम रास्ता नहीं है।यह रास्ता उन चंद लोगों के लिए ही बनाया गया है जिनके पास अथाह पैसा और अकूत संसाधन हैं।   

1 टिप्पणी:

  1. अरे वकील साहब ..
    जो रास्ता बीएम डब्लू, स्कोडा, राल्सरायस, कैमरी, लैंडक्रूज़र , बेंटले और पोर्श के चलने के लिये बनाया गया हो उस पर भला बस टाइप की कोई गाड़ी कैसे चलाई जा सकती है... किशनगढ़ को बोलिये विस्थापित हो जायें..

    आशीष मिश्र

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